बहुत
बहुत शुक्रिया, आप
सभी का रिया
की नयी उड़ान
की शुरुआत का
सराहना करने का..और शायद ये
जानने की उत्सुकता
आप सभी को
होगी की रिया
की नयी उड़ान
सिर्फ़ सोच तक
ही सीमित रही
या उसने सचमुच
सारी बाधाओं को
पार करके अपना
अधूरा सपना पूरा
किया..जानते है
आगे क्या हुआ...
आज रिया बहुत
खुश थी, आज
नन्हे परिंदे ने
जो राह उसे
दिखाई थी, उसके
ज़रिए उसने पहली
बाधा तो पार
कर ही ली
थी..आज उसने
अपने आप से
ये प्रण किया
था की अब
वो हर समय
डिप्रेशन मे रहने
की बजाय वो
नयी राह तलाशेगी,
और पुरानी बातों
का रोना रोने
की बजाय अब
वो इस बात
पर ध्यान देगी
की वो क्या
कर सकती है
और कैसे कर
सकती है!और वो जानती
थी की ये
सब इतना आसान
नही है, पर
आज उसने पहली
जीत हासिल कर
ली थी, और
वो जीत थी,
"positive attitude" रखने
की और ये
मानसिक तैयारी रखने की,
उसे कुछ करना
है!
"क्या
बात है, आज
बहुत happy लग रही
हो?..." ऑफीस से
आते ही रवि
ने पूछा? "हाँ...कह कर
रिया ने अपने
दिल की सारी
बात रवि को
बताई, पहले तो
रवि ने "अच्छा"...कह कर
कुछ व्यंग्य कर
के कहा पर
दूसरे पल ही
अपनी पत्नी की
काबिलियत और कोशिश
को स्मझ कर
उसने तुरंत वादा
किया की वो
उसकी पूरी मदद
करेगा!
"रीया
तुम्हारी डिग्री पुरानी हो
चुकी है, और
इंग्लीश, कम्यूनिकेशन स्किल और
कंप्यूटर स्किल भी उतनी
अच्छी नही है..मेरा कहना
है तुम्हे किसी
फील्ड मे उतरने
से पहले अपने
आप को अपडेट
करना चाहिए...." रवि
ने समझाते हुए
रीया को कहा!
"हाँ बिल्कुल..." मे आप
के कहे अनुसार
अपनी पूरी कोशिश
करूँगी अपने आप
को लायक बनाने
की...ये कहते
हुए ही रीया
ने अपना नया
शेड्यूल फिक्स किया..और
पूरी तरह से
लग गयी अपनी
नयी पारी की
शुरुआत की तैयारी
मे!
नयी शुरुआत के साथ
ही रीया की
ज़वाबदारियाँ भी बढ़
गयी थी..घर,
बच्चे, और इतने
सालों के ब्रेक
से रीया को
कुछ परेशानियाँ ज़रूर
हो रही थी,
पर रवि का
साथ और अपने
मनोबल को उसने
गिरने नही दिया!
"क्या बात है,
आज बहुत थकि
हुई लग रही
हो?" रवि ने
कहाँ, "हाँ...बस बच्चो
की एग्ज़ॅम है,
और मे अपनी
भी तैयारी कर
रही हूँ.." रीया
ने कुछ थके
हुए स्वर मे
कहा.."चलो आज
मे तुम्हारी मदद
करता हूँ.."रवि
के इतना कहते
ही रीया की
सारी थकान दूर
हो गयी! साथ
ही रवि समय-समय पर
रीया को अपनी
सेहत का ध्यान
रखने को भी
कहता रहता, दिन
गुज़रते गये..आज
रीया अपनी पूरी
तैयारी से स्साथ
अपना पहला इंटरव्यू
देने जा रही
थी..कुछ घबराहट..कुछ खुशी..."बेस्ट ऑफ लक..रीया" रवि ने
हमेशा की तरह
रीया का होसला
बढ़ाया...और रीया
भगवान का आशीर्वाद
लेकर अपने पहले
इंटरव्यू के लिए
पहुँची!
“academic record तो
बहुत अच्छा है,
पर कोई expeience नही
है, पिछले कुछ
सालो मे कुछ
काम नही किया
है शायद..पोस्ट
ग्रॅजुयेशन भी नही
है..ना कोई
और डिप्लोमा..." मेडिकल
कॉलेज के lecturship के
पहले इंटरव्यू मे
ही इस तरह
के नेगेटिव रिमार्क
से रीया का
मन कुछ घबरा
सा गया था..."क्या हुआ...रवि ने
उत्सुकता से पूछा?
और रीया की
आखों मे अपनी
पहली असफलता से
आसु ही आ
गये थे.."शायद
मुझसे नही होगा..."
रीया के गिरते
मनोबल को रवि
ने फिर एक
बार सहारा दिया...और कहा
"कोई बात नही,ये तो
शुरुआत है, तुम
हिम्मत मत छोड़ो,
ये नही तो
कोई और राह
मिलेगी..."
पर शायद रीया
की किस्मत मे
इतनी आसानी से
सफल होना नही
लिखा था...कई
हॉस्पिटल, क्लिनिंक्स मे ट्राइ
किया..पर हर
बार किसी न
किसी वजह से
असफलता ही हाथ
लगती...हर बार
रवि रीया को
समझाता पर अब
तो रीया को
लगने लगा था,
शायद वो कभी
अपने अधूरे सपने
को पूरा नही
कर पाएगी!
पर कहते है
ना, हर रात
के बाद सबेरा
होता है, वही
रीया के साथ
भी हुआ! कई
सालो बाद रीया
को अपनी कॉलेज
की फ्रेंड सोनिया
मिली, और कुछ
ही देर मे
रीया ने अपने
दिल की सारी
बात सोनिया को
कह सुनाई!
"हाँ रीया, मे बिल्कुल
समझ सकती हूँ,
तुमहरे म्न की
हालत...और ये
सही है की
इतने सालो के
ब्रेक के बाद
फिर से शुरुआत
करना उतना आसान
नही है...पर
तुम अपना knowledge share करने
के लिए इंटरनेट
की हेल्प ले
सकती हूँ, और
इसके लिए अपना
ब्लॉग शुरू कर
सकती हो, और
mycity4kids इसके लिए सबसे
अच्छा मंच है,
तुम्हे नयी पहचान
मिलेगी..कॉन्फिडेन्स इनक्रीस होगा...तुम बस
अपनी लेखनी को
अपनी ताक़त बनाओ..फिर देखो
सब राह आसान
हो जाएँगी!
रीया ने सोनिया
की कही बात
रवि को बताई,
और रवि ने
भी तुरंत कहा
"हाँ, ये बहुत
अच्छा मंच है,
यहा तुम अपने
बच्चो की परवरिश
से जुड़ी, सेहत
से रिलेटेड सारी
बातें share कर सकती हो, और रीया ने बिना देर किए अपना ब्लॉग शुरू किया...ये उसके लिए
आसान भी था...घर रहते हुए , अपने बच्चो और घर का ध्यान रखते हुए उसने नयी शुरुआत की!
कुछ ही समय मे रीया के आर्टिकल्स लोगो को पसंद आने लगे..सोसाइटी, फ्रेंड्स, समाज़ सभी
जगह रीया की लेखन शैली की तारीफ होने लगी!
"कैसा लग रहा
है आज..."रवि ने खुश होकर पुछा? आज रीया की पोस्ट ने मिलियन व्यू और कई हज़ार
like मिले थे.."हाँ, यकीन नही हो रहा है, की ये सब हक़ीकत है.." रीया ने
भी खुल कर कहा! आज रीया "मिसस शर्मा " और "आशु-निशु की मम्मी"
के नाम के साथ ही "रीया शर्मा" के नाम के साथ भी समाज़ मे जानी जाने लगी
थी!
धीरे-धीरे और कई ऑप्षन्स
भी रीया को मिलने लगे थे....आज वो बहुत खुश थी, मन ही मन उस परिंदे को अपना पहला थॅंक्यू
कहा..जिसने उसे नयीराह दिखाई थी...आज वो अपनी नयी उड़ान के पहले मुकाम को दिल से एंजाय
कर रह रही थी...रवि, सोनिया . mycity4kids का बहुत बहुत धन्यवाद कर रही थी..यूँ तो
अभी नया आकाश च्छुना बाकी था...पर अधूरे सपने की ये नयी उड़ान सब्से अनोखी और यादगार
थी...क्या आप भी कर रहे है, किसी नयी उड़ान की तैयारी, आपको कैसा लगा रीया का सफ़र...क्या
है आपका विचार, प्लीज़ सांझा कीजिए!
और
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